जिले में 11 निजी अस्पताल बिना लाइसेंस के चल रहे थे। CMO ने 50-50 हजार का जुर्माना लगाया और नोटिस भेजा, लेकिन सवाल उठ रहा है कि इतनी देर तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
जिले में लंबे समय से चल रहे स्वास्थ्य व्यवस्था के गोरखधंधे का आखिरकार पर्दाफाश हो गया। CMO कार्यालय की कार्रवाई में 11 निजी अस्पतालों की पोल खुल गई, जो बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के धड़ल्ले से मरीजों का इलाज कर रहे थे।
🚨 कौन-कौन से अस्पताल पकड़े गए?
इन अस्पतालों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया और नोटिस जारी किया गया –
1️⃣ हसरत हॉस्पिटल, मीरानपुर
2️⃣ वैष्णो देवी क्लीनिक, कुर्की बाजार
3️⃣ अमन मेडिकल सेंटर, बसखारी
4️⃣ लुकमान हॉस्पिटल, रामनगर
5️⃣ हैवल हॉस्पिटल, रामबाग
6️⃣ पब्लिक हॉस्पिटल, भीटी
7️⃣ नव्या हेल्थ केयर, गनपतपुर
8️⃣ जेपी हॉस्पिटल, आमादबेवशपुर
9️⃣ संजय मेडिकल सेंटर, जलालपुर
🔟 अदिति हेल्थ केयर सेंटर, जलालपुर
1️⃣1️⃣ एआईएलबी हॉस्पिटल
🏥 कैसे हो रहा था खेल?
✔ कई अस्पतालों ने कभी लाइसेंस ही नहीं लिया।
✔ कुछ के लाइसेंस सालों पहले एक्सपायर हो चुके हैं।
✔ ये अस्पताल गरीब मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर मोटी वसूली कर रहे थे।
📅 कागज दिखाने की डेडलाइन 4 अगस्त तक
CMO कार्यालय ने सभी अस्पतालों को 4 अगस्त तक दस्तावेज जमा करने का आदेश दिया है। लेकिन बड़ा सवाल यह है –
क्या यह सिर्फ औपचारिकता होगी?
क्या 50 हजार का जुर्माना उन अस्पतालों के लिए काफी है, जो हर महीने लाखों रुपये की अवैध कमाई कर रहे हैं?
❓ क्यों अब तक कार्रवाई नहीं हुई?
जनता का सबसे बड़ा सवाल यही है कि इतने सालों तक इन अस्पतालों को कौन संरक्षण दे रहा था?
✔ क्या विभाग ने जानबूझकर आंखें मूंद रखी थीं?
✔ क्या इस बार भी सिर्फ जुर्माना लगाकर मामला रफा-दफा कर दिया जाएगा?
👁️ जनता की नजर अब अफसरों पर भी
लोग पूछ रहे हैं –
➡ क्या उन अफसरों पर कार्रवाई होगी जिनकी नाक के नीचे यह गोरखधंधा चलता रहा?
➡ क्या सिस्टम बदलेगा या फिर कुछ दिनों बाद सब पहले जैसा हो जाएगा?
🔊 जनता का सवाल – जवाब कब मिलेगा?
इस बार फर्क सिर्फ इतना है कि खबर अखबार में छपी है और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
लेकिन क्या इस बार सिस्टम सच में बदलेगा? या फिर फिर से दिखावा होगा?
❓ FAQs
1️⃣ कितने अस्पताल पकड़े गए?
➡️ कुल 11 निजी अस्पतालों की पहचान हुई, जो बिना लाइसेंस चल रहे थे।
2️⃣ कितना जुर्माना लगाया गया?
➡️ सभी पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया और नोटिस भेजा गया।
3️⃣ क्या अस्पताल फिर से शुरू हो जाएंगे?
➡️ उन्हें 4 अगस्त तक दस्तावेज जमा करने का आदेश दिया गया है।
4️⃣ क्या अफसरों पर भी कार्रवाई होगी?
➡️ अभी तक अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई की घोषणा नहीं हुई है।
5️⃣ जनता क्यों नाराज है?
➡️ लोग मानते हैं कि ऐसी कार्रवाई सिर्फ दिखावा होती है, और बाद में सब कुछ पहले जैसा हो जाता है।
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