अंबेडकर नगर के चनकी बाजार में छुट्टा सांड की टक्कर से युवक गंभीर रूप से घायल। स्थानीय लोग प्रशासन पर नाराज, लगातार बढ़ रही छुट्टा जानवरों की समस्या। पढ़ें पूरी खबर। चनकी बाजार के पास सड़क हादसा: छुट्टा सांड से टक्कर, युवक गंभीर रूप से घायल, अंबेडकर नगर जिले के सम्मनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत चनकी बाजार के पास मंगलवार, 08 जुलाई 2025 को एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा उस समय हुआ जब युवक बाइक से जा रहा था और अचानक सड़क पर एक छुट्टा सांड सामने आ गया।
सांड से बचाने की कोशिश में बाइक असंतुलित हो गई, और युवक सड़क पर गिर पड़ा। स्थानीय लोगों की मदद से उसे प्राथमिक उपचार दिलवाया गया, लेकिन घटना ने क्षेत्र में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग प्रशासन की लापरवाही और छुट्टा जानवरों की बढ़ती समस्या को लेकर नाराज हैं। आइए, इस घटना की पूरी कहानी जानते हैं।
हादसा कैसे हुआ?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा शाम करीब 6:30 बजे के आसपास हुआ, जब युवक चनकी बाजार की ओर जा रहा था। सड़क पर अचानक एक छुट्टा सांड आ गया, जिसे बचाने के चक्कर में उसकी बाइक अनियंत्रित हो गई। तेज रफ्तार के कारण युवक सड़क पर गिर गया और गंभीर चोटें आईं। प्रत्यक्षदर्शी रामप्रसाद ने बताया, “सांड एकदम से सामने आ गया। टक्कर टालना नामुमकिन था। युवक को सिर और पैर में गहरी चोटें आई हैं।”
स्थानीय लोगों ने तुरंत घायल युवक को उठाया और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे बेहतर चिकित्सा के लिए अकबरपुर रेफर किया गया। युवक का नाम और हालत के बारे में अभी पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है, लेकिन उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
जनता में आक्रोश: प्रशासन पर सवाल
हादसे के बाद चनकी बाजार और आसपास के ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया। लोगों का कहना है कि क्षेत्र में छुट्टा जानवरों की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। एक ग्रामीण, सुनील मिश्रा, ने कहा, “आए दिन सांड, गाय, और भैंस सड़कों पर घूमते हैं। इससे हादसे होते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। क्या तब तक इंतजार करें जब तक किसी की जान न चली जाए?”
स्थानीय लोग बताते हैं कि चनकी बाजार से गुजरने वाली सड़क पर अक्सर छुट्टा जानवरों की वजह से दुर्घटनाएं होती हैं, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। कुछ ग्रामीणों ने सम्मनपुर थाने से शिकायत करने की बात कही, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
छुट्टा जानवरों की समस्या: एक बड़ी चुनौती
उत्तर प्रदेश में छुट्टा जानवरों की समस्या कोई नई नहीं है। वेब सूत्रों के अनुसार, लखनऊ और आगरा जैसे शहरों में भी सड़क हादसों में छुट्टा पशुओं की भूमिका सामने आई है। 2023 में, यूपी सरकार ने छुट्टा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान चलाया था, लेकिन ग्रामीण इलाकों में यह प्रभावी नहीं रहा। अंबेडकर नगर में भी पिछले साल ऐसी कई घटनाएं रिपोर्ट हुई थीं, जिसमें सांड और गायों ने सड़क दुर्घटनाओं को जन्म दिया।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे हादसों में सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आम हैं, जो कभी-कभी लकवा या मृत्यु का कारण बनती हैं। चनकी बाजार की घटना ने एक बार फिर इस मुद्दे को उजागर किया है।
प्रशासन की चुप्पी: क्या होगा समाधान?
हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन और सम्मनपुर थाना की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि छुट्टा पशुओं को पकड़ने के लिए तत्काल अभियान चलाया जाए और सड़कों पर यातायात के लिए सुरक्षित माहौल बनाया जाए। कुछ लोगों ने DM अंबेडकर नगर से हस्तक्षेप की अपील की है।
पिछले महीने, प्रयागराज में एक सांड की टक्कर से हुई दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत के बाद प्रशासन ने पशु पकड़ने की टीम तैनात की थी, लेकिन अंबेडकर नगर में अभी तक ऐसा कोई कदम नहीं दिखा। स्थानीय लोग कहते हैं कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो भविष्य में और गंभीर हादसे हो सकते हैं।
सुझाव और सावधानियां
इस घटना से कुछ सबक लिए जा सकते हैं:
- सतर्कता: सड़क पर छुट्टा जानवर देखते ही गति धीमी करें और हॉर्न का उपयोग करें।
- शिकायत: स्थानीय थाने या पंचायत में छुट्टा पशुओं की शिकायत तुरंत दर्ज करें।
- प्रशासनिक कदम: जिला प्रशासन को पशु आश्रय गृह बनाना और नियमित पशु पकड़ अभियान चलाना चाहिए।
- जागरूकता: ग्रामीणों को अपने पशुओं को बांधकर रखने की सलाह दी जाए।
निष्कर्ष
चनकी बाजार के पास छुट्टा सांड की वजह से हुए इस सड़क हादसे ने एक युवक की जिंदगी को खतरे में डाल दिया और क्षेत्रवासियों में रोष पैदा कर दिया। प्रशासन की लापरवाही और छुट्टा जानवरों की अनदेखी अब लोगों के लिए गंभीर खतरा बन गई है। क्या प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से लेगा, या फिर यह भी एक और मामला बनकर रह जाएगा?
आप इस घटना पर क्या सोचते हैं? क्या छुट्टा जानवरों की समस्या से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए? कमेंट में अपनी राय शेयर करें!